मलेशिया ने हाल ही में मीठे पेयों पर कर बढ़ाने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मोटापा और मधुमेह से निपटना है। शुगर टैक्स, जिसे जुलाई 2019 में लागू किया गया था, अब महत्वपूर्ण विकास के दौर से गुजर रहा है। सरकार ने 1 मार्च 2024 से प्रीमिक्स्ड ड्रिंक्स को भी इस कर के दायरे में लाने की योजना बनाई है। यह कदम उच्च शुगर खपत से जुड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट को संबोधित करने की बढ़ती आवश्यकता को दर्शाता है।
शुगर टैक्स का अवलोकन
मलेशिया में मौजूदा शुगर टैक्स उन तैयार पेयों पर लागू होता है जिनमें विशेष शुगर सामग्री होती है। यह उन पेयों पर 40 सेंट प्रति लीटर का कर लगाता है जिनमें 100 मिलीलीटर में 5 ग्राम से अधिक चीनी होती है। अब सरकार इस कर को अन्य मीठे उत्पादों जैसे कैन वाले खाद्य पदार्थों, मिठाइयों, चॉकलेट और स्पोर्ट्स ड्रिंक्स पर भी लागू करने पर विचार कर रही है, जो कि जनसंख्या के बीच शुगर सेवन को कम करने के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि शुगर टैक्स से उत्पन्न राजस्व स्वास्थ्य सेवाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों को वित्तपोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. शरीफा एज़ात वान पुतिह ने बताया कि टैक्स राजस्व स्वास्थ्य सब्सिडी, स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और मधुमेह उपचार कार्यक्रमों के वित्तपोषण में मदद कर सकता है। उपभोक्ता संघ पेनांग ने भी इस कर को सभी मीठे पेयों और खाद्य पदार्थों पर लागू करने की वकालत की है, यह तर्क देते हुए कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक है।
आर्थिक विचार
हालांकि टैक्स का उद्देश्य मीठे पेयों की खपत को कम करना है, लेकिन इसके आर्थिक प्रभावों पर चिंता व्यक्त की जा रही है। हितधारकों का कहना है कि कर को बढ़ाने से उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ सकती हैं, जो निम्न-आय वाले परिवारों पर असमान प्रभाव डाल सकती हैं। हालांकि, समर्थकों का तर्क है कि लंबे समय में स्वास्थ्य लाभ और शुगर खपत में कमी के कारण स्वास्थ्य देखभाल लागत में कमी आएगी, जो इन तात्कालिक आर्थिक चिंताओं को पार कर जाएगा।
भविष्य की दिशा
जैसे-जैसे मलेशिया अपने शुगर टैक्स नीतियों के साथ आगे बढ़ता है, विशेषज्ञ एक समग्र दृष्टिकोण की सिफारिश कर रहे हैं, जिसमें स्वस्थ विकल्पों का उत्पादन करने वाले निर्माताओं के लिए कर प्रोत्साहन शामिल हैं। इससे खाद्य और पेय उद्योग को अपने उत्पादों को पुनः तैयार करने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा, जिससे सरकार के स्वास्थ्य लक्ष्यों के साथ मेल खाता है। मलेशिया की पोषण सोसाइटी ने सरकार से स्वास्थ्य नियमों का पालन करने वाली कंपनियों को रिबेट प्रदान करने का आग्रह किया है, ताकि एक स्वस्थ खाद्य वातावरण को बढ़ावा दिया जा सके।अंत में, मलेशिया का मीठे पेयों पर कर बढ़ाने का कदम शुगर खपत से संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। शुगर टैक्स के दायरे का विस्तार करके और राजस्व का उपयोग स्वास्थ्य सुधारों के लिए करके, सरकार अपने नागरिकों के लिए एक स्वस्थ भविष्य बनाने का लक्ष्य रखती है।