वोक्सवैगन, यूरोप की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी, ने जर्मनी के छह प्लांट्स में 2029 तक नौकरी की गारंटी खत्म करने का ऐलान किया है। यह कदम कंपनी के लागत में कटौती के प्रयासों का हिस्सा है, क्योंकि इसे सस्ते एशियाई प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने में कठिनाइयाँ आ रही हैं और ऑटोमोबाइल उद्योग में बदलावों के अनुरूप ढलना पड़ रहा है।
समाप्ति के कारण
वोक्सवैगन की नौकरी की गारंटी खत्म करने का निर्णय कई कारणों से लिया गया है:
- कमजोर कार बिक्री ने कंपनी को जर्मनी में लगभग दो प्लांट्स अधिक बना दिया है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों की धीमी गति और उपभोक्ता खर्च में कमी से लाभ मार्जिन पर दबाव बढ़ रहा है।
- टेस्ला और चीनी कंपनियों जैसे BYD से प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
कंपनी के मानव संसाधन प्रमुख, गुन्नार किलियन, ने कहा कि यह कदम जर्मनी में लागत को प्रतिस्पर्धी स्तर पर लाने के लिए उठाया गया है।
प्रभाव और प्रतिक्रियाएँ
नौकरी की गारंटी की समाप्ति अगले साल के मध्य तक प्रभावी होगी। इस ऐतिहासिक निर्णय ने वैश्विक ऑटोमोबाइल क्षेत्र में हलचल मचा दी है और जर्मन सरकार से उच्च स्तर की चिंता को जन्म दिया है।IG Metall, जो वोक्सवैगन के श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करता है, ने पहले सुझाव दिया था कि चार-दिन के कार्य सप्ताह पर विचार किया जाए, ताकि बंदियों से बचा जा सके। कंपनी और यूनियनों के बीच बातचीत अक्टूबर के मध्य से अंत में शुरू होने की संभावना है, जिसमें नवंबर के अंत से हड़ताल की संभावना भी है।यह कदम जर्मनी के सहमति आधारित औद्योगिक संबंधों के मॉडल को भी चुनौती देता है, जो देश के युद्ध के बाद के आर्थिक विकास का आधार रहा है। जर्मनी में विनिर्माण अब भी रोजगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और वोक्सवैगन और यूनियनों के बीच बातचीत का परिणाम उद्योग पर दूरगामी प्रभाव डालेगा।
निष्कर्ष
वोक्सवैगन का नौकरी की गारंटी खत्म करने का निर्णय कंपनी की लागत संरचना और तेजी से बदलते वैश्विक ऑटोमोबाइल बाजार में प्रतिस्पर्धा को संबोधित करने के लिए एक साहसिक कदम है। हालाँकि, इस निर्णय ने यूनियनों के साथ संभावित टकराव का मंच तैयार कर दिया है और जर्मनी के औद्योगिक संबंधों के मॉडल के भविष्य के बारे में सवाल उठाए हैं।