केन्या में श्रमिक संघर्ष: अदानी समूह के साथ सरकार के समझौते का विरोध

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केन्या के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, जोमो केन्याटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (JKIA), पर हाल ही में श्रमिकों द्वारा किए गए हड़ताल ने हवाई यात्रा को प्रभावित किया है। यह हड़ताल भारतीय कंपनी अदानी समूह के साथ एक प्रस्तावित 30 साल के लीज समझौते के खिलाफ की गई थी। इस समझौते के तहत अदानी समूह को हवाई अड्डे का संचालन करने और उसे आधुनिक बनाने का कार्य सौंपा जाना है।

हड़ताल का कारण

केन्या एयरपोर्ट वर्कर्स यूनियन ने इस हड़ताल का ऐलान किया, जिसमें उन्होंने कहा कि यह समझौता नौकरी के नुकसान का कारण बनेगा और विदेशी श्रमिकों को लाएगा। यूनियन के नेता मोसेस न्डीमा ने कहा, “अदानी को जाना होगा। यह कोई विकल्प नहीं है।”सरकार का कहना है कि हवाई अड्डा अपनी क्षमता से अधिक काम कर रहा है और इसे आधुनिक बनाने की आवश्यकता है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया गया है कि हवाई अड्डा बिक्री के लिए नहीं है।

हड़ताल का प्रभाव

हड़ताल के कारण हवाई अड्डे पर कई उड़ानें रद्द हो गईं और कई यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। हड़ताल के पहले दिन, यात्रियों की लंबी कतारें देखने को मिलीं, और कई लोग बिना सोए हवाई अड्डे पर फंसे रहे।स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हड़ताल ने केवल JKIA को ही नहीं, बल्कि किसुमु और मombासा जैसे अन्य क्षेत्रीय हवाई अड्डों को भी प्रभावित किया।

कानूनी पहलू

केन्या की उच्च न्यायालय ने अदानी समूह के प्रस्ताव पर अस्थायी रोक लगा दी है, ताकि समझौते की कानूनी समीक्षा की जा सके। इस निर्णय ने हड़ताल को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है, क्योंकि यह एक बड़े विवाद का हिस्सा है जो देश की अर्थव्यवस्था और श्रमिकों के अधिकारों से जुड़ा है।

निष्कर्ष

यह हड़ताल केवल एक हवाई अड्डे की समस्या नहीं है, बल्कि यह केन्या के श्रमिकों के अधिकारों और विदेशी निवेश की नीति पर भी सवाल उठाती है। सरकार को चाहिए कि वह श्रमिकों की चिंताओं को गंभीरता से ले और एक ऐसा समाधान निकाले जो सभी के हित में हो।

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