वाद-विवाद में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस

डोनाल्ड ट्रंप, कमला हैरिस
डोनाल्ड ट्रंप, कमला हैरिस

राष्ट्रपति पद के लिए हुए हाल के वाद-विवाद में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच काफी तीखी नोकझोंक देखने को मिली। इस वाद-विवाद में दोनों उम्मीदवारों ने अर्थव्यवस्था, प्रवासन, नस्लवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर अपने विचार रखे। यह वाद-विवाद खासतौर पर महत्वपूर्ण था क्योंकि दोनों उम्मीदवार काफी कड़ी टक्कर में हैं और चुनाव में अब सिर्फ 55 दिन बचे हैं।

वाद-विवाद के प्रमुख अंश

अर्थव्यवस्था

वाद-विवाद की शुरुआत अर्थव्यवस्था पर हुई, जहां दोनों उम्मीदवारों ने अलग-अलग तर्क रखे।

  • ट्रंप का दावा: ट्रंप ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में “लगभग कोई महंगाई नहीं” थी। उन्होंने मौजूदा प्रशासन पर “सबसे ज्यादा महंगाई” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महंगाई की वजह से कई अमेरिकी मूलभूत जरूरतों को खरीदने में तकलीफ महसूस कर रहे हैं, खासकर खाद्य पदार्थों में। हालांकि, तथ्य-जांच से पता चला कि महंगाई 2022 में 40 साल के सबसे ऊंचे स्तर 9% पर पहुंच गई थी, जो अब जुलाई 2024 में घटकर 2.9% रह गई है। हालांकि वेतन बढ़े हैं, लेकिन बाइडन के कार्यकाल में बढ़ती कीमतों के कारण औसत कर्मचारी की खरीदारी शक्ति प्रभावित हुई है।
  • हैरिस का जवाब: हैरिस ने कहा कि ट्रंप ने महामारी के दौरान 14% तक पहुंचे बेरोजगारी के सबसे ऊंचे स्तर के साथ देश छोड़ा। उन्होंने अपने परिवारों और छोटे व्यवसायों का समर्थन करने वाले प्लान पर जोर दिया, साथ ही ट्रंप के धनाढ्य वर्ग के लिए कर कटौती की आलोचना की।

प्रवासन

प्रवासन भी एक विवादास्पद मुद्दा था, जहां ट्रंप ने कई विवादास्पद दावे किए।

  • ट्रंप का दावा: ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका भर के शहर प्रवासियों द्वारा “कब्जा” किए जा रहे हैं और उनसे जुड़ी अपराधिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। उन्होंने ओहायो के स्प्रिंगफील्ड में हैती प्रवासियों के बारे में एक गलत खबर का जिक्र किया, जिसमें कथित तौर पर उन्होंने पशुओं को खाया था, जिसे स्थानीय अधिकारियों ने गलत बताया है।
  • हैरिस का बचाव: हैरिस ने ट्रंप के नारे को चुनौती दी और कहा कि अध्ययनों से पता चलता है कि प्रवासी मूल निवासियों की तुलना में अपराध करने की संभावना कम होती है। उन्होंने व्यापक प्रवासन सुधार की जरूरत पर जोर दिया, न कि भय फैलाने पर।

नस्लवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा

वाद-विवाद में नस्लवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी चर्चा हुई, जहां दोनों उम्मीदवारों ने एक-दूसरे पर निशाना साधा।

  • ट्रंप का रुख: ट्रंप ने हैरिस को एक दूरदराज की राजनीतिक नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की, सुझावा देते हुए कि वह पुलिस को कम धन देने और खुले सीमाओं जैसी चरमपंथी नीतियों का समर्थन करती हैं। उन्होंने बार-बार बाइडन के साथ उनकी तुलना की, सुझावा देते हुए कि वे एक ही प्रभावहीन नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • हैरिस का पलटवार: हैरिस ने ट्रंप को “शर्मनाक” करार दिया और उन्हें विभाजन फैलाने और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने उन अधिकारियों और सैन्य अधिकारियों का समर्थन उजागर किया जो उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद से उनसे दूर हो गए हैं।

निष्कर्ष

वाद-विवाद में व्यक्तिगत हमले और नीतिगत चर्चा की कमी देखने को मिली। जबकि ट्रंप ने प्रवासन और आर्थिक नाराजगी पर ध्यान केंद्रित किया, हैरिस ने बाइडन प्रशासन की नीतियों और भविष्य के लिए अपने विजन का संगठित बचाव पेश करने का प्रयास किया। दोनों उम्मीदवारों का प्रदर्शन मतदाताओं के साथ जुड़ने के आगामी सप्ताहों में चुनावी दौड़ को प्रभावित करेगा। वाद-विवाद ने प्रमुख मुद्दों पर दोनों के アプローチ में मौजूद तल्ख कंट्रास्ट को उजागर किया, जो आने वाले चुनाव के लिए मंच तैयार करता है।

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