हाल ही में रूस और चीन ने एक साथ मिलकर “30 सालों में सबसे बड़े नौसैनिक अभ्यास” का आयोजन किया। इस अभ्यास का नाम “जॉइंट सी 2024” रखा गया है, और यह दक्षिण चीन सागर में हुआ। इस ड्रिल का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ाना और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है।
अभ्यास का विवरण
इस अभ्यास में रूस की नौसेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) ने भाग लिया। यह ड्रिल दक्षिण चीन के झानजियांग शहर के पास शुरू हुई, जहां से दोनों देशों के जहाजों ने अभ्यास में भाग लिया। इस दौरान कई प्रकार के सामरिक अभ्यास किए गए, जैसे कि संयुक्त लाइव-फायर एयर और मिसाइल रक्षा अभ्यास।
मुख्य उद्देश्य
- सामरिक सहयोग को बढ़ाना: रूस और चीन का मुख्य उद्देश्य अपने सैन्य संबंधों को मजबूत करना और एक साथ मिलकर सुरक्षा खतरों का सामना करना है।
- क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखना: इस अभ्यास के माध्यम से दोनों देश एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं।
- सामुद्रिक सुरक्षा में सुधार: दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग से समुद्री सुरक्षा में सुधार होगा, जो कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ बढ़ते तनाव के बीच महत्वपूर्ण है।
महत्व
यह अभ्यास न केवल रूस और चीन के बीच की दोस्ती को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि दोनों देश एक साथ मिलकर अपने सामरिक हितों की रक्षा करने के लिए तैयार हैं। इस प्रकार के अभ्यास से अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच की सैन्य ताकत को और मजबूत करता है।
निष्कर्ष
“जॉइंट सी 2024” का अभ्यास रूस और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दर्शाता है कि दोनों देश एक साथ मिलकर अपने सामरिक हितों की रक्षा करने के लिए कितने गंभीर हैं। जैसे-जैसे वैश्विक स्थिति बदल रही है, यह सहयोग और भी महत्वपूर्ण होता जा रहा है।